श्रुतमंदिर
पजिनशासन का ह्रदय श्रुत है, तो प्रवचन श्रुततीर्थ का ह्रदय श्रुतमंदिर है ।
जहॉं गणधर, पूर्वधर, श्रुतधरों से गुम्फित ज्ञान विरासत हजारों ग्रथों के माध्यम से प्राचीन-अर्वाचीन हस्तलिखित तथा मूद्रित स्वरुप में सुरक्षित रहेगी ।
जहॉं आगम महल के कलात्मक कोतरणीयुक्त झरोखों में सुवर्णाक्षरी आगम ग्रन्थों की स्थापना होगी ।
जहॉं श्रुतज्ञान की अधीष्ठात्री श्री श्रुतदेवी सरस्वतीजीकी संगमरमर की कलात्मक विशाल मूर्ति की प्रतिष्ठापना होगी ।
जहॉं लेखनकला में कुशल सेंकडों लेखकों के द्धारा प्रभु वचन का सुलेखन होगा ।
जहॉं विधापीठ में व्याकरण-काव्य-कोश-न्याय-योगादि ग्रंन्थों का ज्ञानदान विद्धान पंडितों द्धारा नियमितता से होगा ।
जहॉं वीरप्रभु के शासन के 2500 वर्षो का ज्वलन्त इतिहास का यथार्थ पुण्यदर्शन होगा ।
जहॉं वातावरण में हरियाली छाई रहेगी, चम्पा, मोगरा, जाई, गुलाब आदि की सुवास छलकती रहेगी ।
ज्ञानोपासकों का अनवरत आगमन देखने को मिलेगा । कोयल, मैना, तोता, मयुर आदि के मधुर टुहके तथा कलरव भी श्रवरगोचर होगें ।
जीवन में कल्पना न की हो एसा, न सोचा हुआ, न जाना हुआ, आत्मविकास में सहायक ऐसी अनेक बाबते इस श्रुतमंन्दिर में होगी । ऐसे अनुपम-अद्धितीय-अपूर्व श्रुतमंन्दिर में आपका योगदान भी अपेक्षित व स्वागतार्ह है ।
श्रुतमंन्दिर के अमूल्य महालाभ
श्रुतमंन्दिर मुख्य नाम
श्रुतमंन्दिर संकुल प्रवेशद्धार
श्रुतमंन्दिर प्रवेशद्धार
श्री देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण प्राचीन अर्वाचीन हस्तलिखित श्रुतालय
कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य विधापीठ
महोपाध्याय श्री यशोविजयजी मुद्रित ग्रन्थालय
108 पार्श्र्वजिन रत्नमन्दिर गर्भगृह प्रवेशद्धार
श्री श्रुतदेवी सदन गर्भगृह प्रवेशद्धार
विश्र्व में सर्वप्रथम बार 108 इंच की उंचाईवाली श्रुतज्ञान अधिष्ठात्री सरस्वतीजी प्रतिमा निर्माण में मुख्य नाम का लाभ
श्री श्रुतदेवी प्रतिमा निर्माण का सह लाभ (कुल 108 नाम)
श्री श्रुतदेवी सरस्वती आराधना के लिए ऐंकार मन्त्र आराधना पीठ
आगम गेलरी मे सुवर्णाक्षरांकित दो दो आगम तथा आगम की पहचान करानेवाले अदभुत चित्रालेखनयुक्त आगम झरोंखे (कुल 22 झरोंखे) - एक झरोंखे का लाभ
मन्त्रीश्र्वर वस्तुपाल-तेजपाल श्रुतलेखन भवन