प्रकृति की गोद में जैन धर्म एवं संस्कृति के भव्य विरासत को सुरक्षित करवाने के स्वप्न द्रष्टा सिद्धहस्तलेखक पू. आचार्य देव श्रीमद् विजय पूर्णचन्द्रसूरीश्र्वरजी महाराज श्रुतरक्षा संकल्पशिल्पी पू. आचार्य श्री विजय युगचन्द्रसूरिजी महाराज
Dharamshala Opening Invitation
Pravachan Shrut Tirth
Gyandhrvya Yojna
Pratishtha Mahotsav